प्रदेश में कुल 734 नागर स्थानीय निकाय हैं, जिनकी 2011 की जनगणना के आधार पर जनसंख्या 4.65 करोड़ है, जो प्रदेश की कुल जनसंख्या 19.98 करोड़ का लगभग 23.3 प्रतिशत है। हाल ही मे प्रदेश सरकार द्वारा 84 नये नगरीय निकाय घोषित किये गये है तथा 64 स्थानीय निकायो का विस्तार किया गया है। वर्तमान मे कुल 734 है। उक्त 672 नगरों में पाइप पेयजल सुविधा की वर्तमान स्थिति निम्न प्रकार है।
निकाय |
नगरो में पाइप पेयजल आपूर्ति की 31 मार्च, 2022 की स्थिति |
|
कुल |
आच्छादित |
नगर निगम |
17 |
17 |
नगर पालिका परिषद |
194 |
194 |
नगर पंचायत |
523 |
461 |
योग |
734 |
672 |
- अनाच्छादित नगरो की संख्या 62
नवसृजित नगरीय निकायों हेतु नगरीय मानक के अनुसार प्रति व्यक्ति पेयजल सम्पूर्ति की दरों का विवरण निम्न तालिका में दिया जा रहा है।
क्र सं. |
नगरों का जनसंख्यावार वर्गीकरण |
पेयजल आपूर्ति का निर्धारित मानक (लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन) |
734 का विवरण दिया जाना है। |
सीवर व्यवस्था युक्त नगरों की संख्या |
1- |
10 लाख से अधिक |
150 |
10 |
10 |
2- |
1 लाख से अधिक (तथा जिन नगरो में सीवर व्यवस्था है अथवा संभावित है) |
135 |
54 277 393 |
31 |
3- |
20 हजार से 1 लाख तक |
135*/70 |
19 |
4- |
20 हजार से कम |
135*/70 |
1 |
|
योग |
|
734 |
58 |
जलोत्सारण हेतु
राज्य सेक्टर कार्यक्रम
प्रदेश के विभिन्न नगरों में पेयजल आपूर्ति में सुधार हेतु राज्य सेक्टर कार्यक्रम के अन्तर्गत नगरीय निकायों हेतु अनुदान के रूप में धनराशि उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना के अन्तर्गत परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृति व्यय वित्त समिति/परियोजना संरचना एवं मूल्यांकन प्रभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा प्रदान की जाती है। परियोजना का चयन एवं विरचन कार्य सम्बन्धित निकाय की सहमति से जल निगम द्वारा किया जाता है।
मार्च 22 तक 77 निमार्णाधीन योजनाओं के विरूद्ध रू0 1557.06 करोड़ की वित्तीय स्वीकृतियॉं शासन द्वारा निर्गत की गई हैं। वर्ष 2021-22 में 77 योजनाओं में से 38 योजनायें पूर्ण कर जनोपयोगी बनायी गयी तथा 39 योजनाओं के कार्य प्रगति पर है। शासन से अवमुक्त धराशि रू0 1085.59 करोड़ के सापेक्ष रू0 989.61 करोड का व्यय किया गया है।
अमृत (अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन
राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में शहरी परिवारों को बुनियादी सेवाए (जलापूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन इत्यादि) उपलब्ध कराये जाने के उदेश्य से शहरी विकास भारत सरकार द्वारा केन्द्र पुरोनिधानित योजना के रूप में दिनांक 25.6.2015 को अमृत योजना प्रारम्भ की गयी है जिसमें एक लाख की जनसंख्या से अधिक के नगरीय निकाय चयनित किये गये है। प्रदेश के 60 नगरीय निकाय इस योजना में आच्छादित है, योजना की अवधि 2015-2020 (5 वर्ष) की है।
योजना के अन्तर्गत जलापूर्ति एवं सीवरेज तथा सेप्टेज प्रबंधन का योजना की अवधि में सार्वभौमिक अच्छादीकरण करना है।
अमृत कार्यक्रम के अन्तर्गत पेयजल, जलोत्सारण जल निकासी एवं ठोस कुड़ा प्रबन्धन के प्राक्कलन विरचन व निर्माण के कार्य सम्पादित कराये जाने हेतु उ. प्र. जल निगम/सी.एण्ड.डी.एस. को नामित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए जलापूर्ति हेतु रू.1519.19 करोड,़ जलोत्सारण हेतु रू.1697.62 करोड़ एवं हरित भूमि एवं पार्क हेतु रु.70.45 करोड़ कुल रू.3287.26 करोड़ के स्टेट एनुवल एक्शन प्लान (सैप) का भारत सरकार के स्तर पर गठित पाचवीं एपेक्स कमेटी द्वारा दिनांक 05.12.2015 को अनुमोदन प्रदान किया गया है। स्वीकृत (सैप) के आधार पर भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश की कुल धनराशि रू.1409.60 करोड़ के सापेक्ष प्रथम किश्त के रुप में 20ः धनराशि रू.281.81 करोड़ दिनांक 28.12.2015 को राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी गयी है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए जलापूर्ति हेतु रू.2017.42 करोड,़ जलोत्सारण हेतु रू.1795.84 करोड़़ एवं हरित भूमि एवं पार्क हेतु रू.81.90 करोड़ कुल रू.3895.16 करोड़ के (सैप) का भारत सरकार के स्तर पर गठित दसवीं एपेक्स कमेटी द्वारा दिनाँक 14.06.2016 को अनुमोदन प्रदान किया गया है। स्वीकृत (सैप) के आधार पर भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश की कुल धनराशि रु.1638.00 करोड़ का 20ः प्रथम किश्त के रुप में धनराशि रू.327.60 करोड़ दिनांक 08.08.2016 को राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी गयी है।
अमृत योजना के अन्तर्गत 172 पेयजल एवं 98 जलोत्सारण की कुल 270 परियोजनाएं कुल अनुमानित लागत रू.11399.96 करोड़ की स्वीकृति ‘राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति (एस.एच.पी.एस.सी.) द्वारा प्रदान की जा चुकी है। पेयजल की 145 योजनायें तथा जलोत्सारण की 80 योजनायें, कुल 225 योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ कराये जा चुके हैं।
शेष मिशन अवधि वित्तीय वर्ष 2017-20 के लिए रू.4145.48 करोड़ की धनराशि के सापेक्ष जलापूर्ति हेतु रू.1996.02 करोड,़ जलोत्सारण हेतु रू.2149.46 करोड़़ का (सैप) भारत सरकार के स्तर पर गठित सत्रहवीं एपेक्स कमेटी द्वारा दिनाँक 15.03.2017 को अनुमोदित किया जा चुका है।
अब तक पेयजल हेतु कुल अवमुक्त धनराशि रू.3253.71 करोड़ (कार्य$सेन्टेज) के विरूद्ध अप्रैल 2022 तक रू.3083.38 करोड़ (कार्य +सेन्टेज) व्यय हुआ जिसके विरूद्ध लगभग 7.99 लाख नग पेयजल गृह संयोजन एवं सीवरेज हेतु कुल अवमुक्त धनराशि रू.4845.34 करोड़ (कार्य+सेन्टेज) के विरूद्ध सितम्बर, 2019 तक रू.4672.40 करोड़ (कार्य $सेन्टेज) व्यय हुआ जिसके विरूद्ध लगभग 5.97 लाख नग सीवर गृह संयोजन उपलब्ध कराये जा चुके है।
अमृत कार्यक्रम अन्तर्गत स्वीकृत योजनाओं का सारांश
सैप |
सेक्टर |
प्राक्कलन स्वीकृत एसएचपीएससी |
योजना ड्राप की गयी। |
शासनादेश निर्गत |
स्वीकृत निविदा |
निविदा लंबित |
पूर्ण योजना |
निर्माणाधीन योजना |
2015-16 |
पेयजल योजना |
88 |
1 |
87 |
87 |
0 |
73 |
14 |
सीवरेज एवं सेप्टेज योजना |
38 |
1 |
37 |
37 |
0 |
28 |
9 |
2015-16 |
126 |
2 |
124 |
124 |
0 |
101 |
23 |
2016-17 |
पेयजल योजना |
60 |
2 |
58 |
58 |
0 |
40 |
18 |
सीवरेज एवं सेप्टेज योजना |
37 |
1 |
36 |
36 |
0 |
18 |
18 |
2016-17 |
97 |
3 |
94 |
94 |
0 |
58 |
36 |
2017-20 |
पेयजल योजना |
26 |
1 |
25 |
25 |
0 |
11 |
14 |
सीवरेज एवं सेप्टेज योजना |
41 |
2 |
39 |
39 |
0 |
14 |
25 |
2017-20 |
67 |
3 |
64 |
64 |
0 |
25 |
39 |
महायोग- |
290 |
8 |
282 |
282 |
0 |
184 |
98 |
उपरोक्त पूर्ण एवं निर्माणाधीन योजनाओं के सापेक्ष कराये गये मुख्य कार्य निम्नानुसार हैः-
पेयजल
- नये नलकूप निर्माण,-- 392 नग पूर्ण
- रिबोर नलकूप पाइप लाइन-- 70 नग पूर्ण
- पेयजल गृह संयोजन-- 7,99,295 नग पूर्ण
- भूमिगत जलाशय-- 50 नग पूर्ण
- शिरोपरि जलाशय-- 137 नग पूर्ण
- वितरण प्रणाली-- 5175 कि0मी0 पूर्ण
सीवर
- सीवर लाइन-- 1999 कि0मी0 पूर्ण
- सीवरेज ट्रीटमेंन्ट प्लान-- 06 नग पूर्ण 08 नग प्रगति पर
- सीवर गृह संयोजन-- 596466 नग पूर्ण
- हाउस कनेक्टिंग चैम्बर-- 284734 नग पूर्ण
जे. एन. एन. यू. आर. एम. कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत एव चालू योजनाओं की अद्यतन स्थिति
- जे.एन.एन.यू.आर.एम. (यू.आई.जी.) कार्यांश के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 7 नगर निगम नामितः लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर वाराणसी, आगरा, मेरठ एवं मथुरा-वृन्दावन को सम्मिलित किया गया है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 25 परियोजनाओं हेतु कुल स्वीकृत लागत रू. 6133.95 करोड के सापेक्ष उ0प्र0 जल निगम को कुल रू. 6033.33 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसके सापेक्ष रू. 5830.92 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है। स्वीकृत 25 परियोजनाओं में से 15 पूर्ण कर जन उपयोगी की जा चुकी हैं। 11 योजनाओं के कार्य प्रगति पर है तथा लगभग 98.5 प्रतिशत कार्य पूर्ण।
- यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. कार्यांश के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 45 परियोजनाओं कुल स्वीकृत लागत रू. 1270.42 करोड के सापेक्ष उ0प्र0 जल निगम को कुल रू.1233.60 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसके सापेक्ष रू.1213.33 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है। स्वीकृत 45 योजनाओं में से 44 योजनायें पूर्ण हो चुकी हैं। फिरोजाबाद सीवरेज के समस्त कार्य पूर्ण है परन्तु योजना पर देनदारी शेष है।
- यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. कार्यांश के ट्रांजिशन फेज़ के अन्तर्गत स्वीकृत 7 योजनाएं कुल स्वीकृत लागत रू.353.05 करोड़ के सापेक्ष उ0प्र0 जल निगम को कुल रू.331.20 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसके सापेक्ष रू.293.08 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है।
स्वीकृत समस्त 7 योजनाओं में से 2 योजनायें पूर्ण कर जनोपयोगी की जा चुकी है तथा 5 योजनाओं के समस्त कार्य लगभग 99 प्रतिशत पूर्ण हैं।
- वाह्य सहायतित कार्यक्रम (जे. बी. आई. सी) आगरा जल सम्पूर्ति गंगा जलपरियोजना
आगरा जल सम्पूर्ति योजना गंगाजल (वाह्य सहायतित-जायका) अपर गंगा कैनाल के पालरा हैडवर्क्स, जिला बुलन्दशहर से आगरा तक 130 किमी० पाइप लाइन द्वारा आगर शहर को 140 क्यूसेक एवम् मथुरा शहर को 10 क्यूसेक कुल 150 क्यूसेक कच्चा जल लाकर जल सम्पूर्ति से सम्बन्धित अन्य कार्य को सम्पादित किया जाना है। योजना के प्रारंभिक आगणन की कुल लागत रु. 1076.98 करोड़ थी, जो मार्च, 2007 में स्वीकृत हुई थी। योजना के डी.पी.आर. अनुमानित लागत रु.2887.92 करोड़ को प्रदेश की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था जिसे शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार में प्राजेक्ट के वित्तीय एवं तकनीकी परीक्षण के उपरान्त दिनांक 04.07.2012 को पुनरीक्षित लागत के अनुसार स्वीकृति प्रदान की गयी है। पुनरीक्षित लागत के सापेक्ष ऋण वृद्धि पर भारत सरकार व जायका के मध्य ऋण अनुबंध मार्च, 2014 को निष्पादित किया जा चुका है। योजना की लागत का 85 प्रतिशत जायका से ऋण के रूप में तथा 15 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाना है। योजना में मुख्य रूप से सिकन्दरा, आगरा में 144 एम.एल.डी. क्षमता के वाटर ट्रीटमेनट प्लान्ट, इनटेक वर्क्स, सेटलिंग टैंक, आगरा एवम् मथुरा शहरों हेतु फीडर मेंन तथा वर्तमान में स्थिति वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट के जीर्णोद्धार के कार्य प्राविधानित है। वर्तमान में पलरा सैटलिंग टैंक तथा सिंकंदरा आगरा में 144 एम.एल.डी. वाटर ट्रीटमेन्ट का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। कुल अवमुक्त धनराशि रु.2562.00 करोड़ के सापेक्ष रु.2455.97 करोड़ का व्यय वर्तमान तक हो चुका है।
योजना की अध्यावधिक स्थिति निम्नानुसार है
- परियोजना में बुलन्दशहर के पलड़ा फाल से गंगाजल लेकर 130 कि.मी. पाइप लाइन जनपद बुलन्दशहर, अलीगढ़ एवं मथुरा शहर से होते हुए कुल 150 क्यूसेक पानी को आगरा एवं मथुरा शहर को सप्लाई की जाती है।
- परियोजना अपने आकार की भारत देश की सफलतम प्रथम योजना है।
- उक्त योजना की पम्पिंग पर व्यय शून्य आता है।
- परियोजना के अन्तर्गत 370 एम.एल.डी. पानी का ट्रीटमेन्ट किया जाता है, जिसमें आगरा शहर को 345 एम.एल.डी. एवं मथुरा शहर को 25 एम.एल.डी. गंगाजल की आपूर्ति की जाती है।
- आगरा शहर में कुल 172917 गृह संयोजन को सप्लाई दी जाती है।
- मथुरा शहर में कुल 35185 गृह संयोजन को सप्लाई दी जाती है।
- योजनान्तर्गत नगर के 2 पायलट वाटर सप्लाई जोन में लीकेज प्रीवेन्शन नॉन रेवेन्यू वाटर रिडक्शन, 24x7 पेयजल आपूर्ति के कार्यों हेतु निविदा आमंत्रण प्रक्रिया प्रगति में है।
डिपाजिट कार्य
उ.प्र. जल निगम (नगरीय) प्रदेश की पेयजल एवं सीवरेज कार्यों की अग्रणीय संस्था है जिसे इस क्षेत्र में पर्याप्त तकनीकि अनुभव एवं दक्षता प्राप्त है। जल निगम द्वारा अपने कार्य भार को बढाने के उद्देश्य से नगरीय क्षेत्रों में नगर निगम, नगर पालिका एवं अन्य विभागों से कार्य प्राप्त कर अपने कार्यभार को बढ़ाये जाने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में उ.प्र. जल निगम द्वारा डिपाजिट कार्य के रूप में रू.125.00 करोड़ का कार्य प्राप्त किया गया है। जिससे उ.प्र. जल निगम द्वारा रू.15.00 करोड़ की धनराशि सेन्टेज के रूप में अर्जित की गयी।