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विवरण |
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उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही ग्रामीण पेयजल योजनाओं की प्रगति विवरण साइज: 134KB | भाषा: हिंदी |
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पृष्ठभूमि
वर्ष 1974 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल से सम्बन्धित योजनाओं को क्रियान्वयन केन्द्र पोषित योजना के अन्र्तगत किया जा रहा था। राज्य पोषित योजना के रुप में वर्ष 1974-75 से न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम के अन्र्तगत पेयजल योजना का कार्यान्वयन प्रारम्भ किया गया। वर्ष 1977 में राज्य स्तर पर संसाधनो की कमी के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा केन्द्र पोषित योजना के रुप में त्वरित ग्रामीण पेयजल सम्पूर्ति योजना पुनः लागू की गई। वर्ष 1984 से राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति हेतु राज्य पोषित पेयजल योजना संचालित की गई। वर्ष 2000 में भारत सरकार द्वारा प्रधानमन्त्री ग्रामोदय योजना लागू की गई तथा वर्ष 2002-03 से प्रदेश में न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम एवं अनुसूचित जाति/जनजाति पेयजल योजना का विलय प्रधानमन्त्री ग्रामोदय योजना में कर दिया गया।
वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा त्वरित ग्रामीण पेयजल योजना को नया स्वरुप प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल सम्पूर्ति कार्यक्रम के रुप में लागू किया गया। राज्य स्तर से संचालित एवं पोषित पेयजल योजनाओ का राज्याँश के रुप में उक्त कार्यक्रम में विलय कर दिया गया। इस योजना में निर्माण कार्यों के साथ-साथ जलस्रोत/योजनाओ की सस्टेनेबिल्टी हेतु 10 प्रतिशत तथा पेयजल योजनाओं के संचालन एवं अनुरक्षण हेतु 10 से 15 प्रतिशत की धनराशि आवॅंटित किये जाने का प्राविधान रहा। वर्ष 2017 में भारत सरकार द्वारा दिशा निर्देश में परिवर्तन कर सस्टेनेबिल्टी तथा संचालन व अनुरक्षण हेतु उपलब्ध प्राविधान को समाप्त कर दिया गया। वर्तमान में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अर्न्तगत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के कार्य भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 50: 50 के अनुपात में वित्त पोषित किये जा रहे है ।
वर्ष 2016-17 में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं एवं ग्रामीण पेयजल से सम्बन्धित ऐसे कार्य जो केन्द्र द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओ से आच्छादित नहीं हैं, हेतु राज्य स्तर से पोषित राज्य ग्रामीण पेयजल योजना प्रारम्भ की गई। उक्त के अतिरिक्त केन्द्र पोषित प्रधानमन्त्री जन विकास कार्यक्रम के अर्न्तगत भी अल्प संख्यक बाहुल्य जनपदों में पेयजल योजनाओ का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना को समाहित करते हुए ‘‘जल जीवन मिशन‘‘ का प्रारम्भ किया गया है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2024 तक प्रदेश के हर घर में नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये जा चुके हैं तथा उत्तर प्रदेश शासन के आदेश संख्या 190/छिहत्तर-1-2020-25सम/2019 दिनाँक 24-01-2020 द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।
ग्रामीण बस्तियों का पेयजल से आच्छादन
भारत सरकार द्वारा राजीव गाँधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन के अन्तर्गत कराये गये सर्वेक्षण तथा वर्तमान में भारत सरकार द्वारा संचालित पोर्टल (ejalshakti.gov.in) के अनुसार प्रदेश में कुल 97494 आबाद ग्राम हैं, जिनकी पोर्टल के अनुसार वर्तमान जनसंख्या 16.94 करोड़ है। प्रदेश में कुल बस्तियों की संख्या 259739 है।
सामान्य आच्छादन
प्रदेश की समस्त बस्तियों को मानक के अनुसार 40 ली0 प्रति व्यक्ति प्रति दिन के आधार पर पेयजल सुविधा हैण्डपम्प/पाइप योजना के माध्यम से उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 2895361 हैण्डपम्प अधिष्ठापित हैं। प्रदेश में वर्तमान में लगभग प्रत्येक 58 व्यक्ति पर 1 हैण्डपम्प स्थापित किये गये हैं। इस प्रकार पेयजल की न्यूनतम आवश्यकता 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन के मानक की दृष्टि से प्रदेश की सम्पूर्ण ग्राम/बस्तियों को संतृप्त किया जा चुका है।
पाइप पेयजल योजना से आच्छादन
भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत समस्त गामीण परिवारो को वर्ष 2024 तक पाइप द्वारा कार्यषील संयोजन (FHTC) दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश की 259739 ग्रामीण बस्तियों मे मार्च 2020 तक 5899 ग्रामीण पाईप पेयजल योजनाओं के माध्यम से 30850 बस्तियों को आच्छादित करते हुए लगभग 251.24 लाख जनसंख्या (वर्तमान) को पेयजल से लाभान्वित किया गया है। पाइप पेयजल योजनाओ से आच्छादित ग्रामों/ बस्तियों में लगभग 10.67 लाख परिवारो को FHTC दिया जा चुका है। भारत सरकार की वेबसाइट ejalshakti.gov.in पर इसके सापेक्ष 9.82 लाख संयोजनधारको की प्रवष्टि की जा चुकी है -
विवरण
|
बस्तियाँ
|
जनसंख्या (लाख)
|
गृह संयोजन (लाख)
|
टिप्पणी
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कुल
|
259739
|
1694.81
|
263.38
|
वास्तविक रुप में लगभग 10 67 लाख परिवारो को FHTC उपलब्ध कराया जा चुका है। शेष की प्रवष्टि की जा रही है।
|
आच्छादन 01.04.2020
|
30850
|
251.24
|
9.82
|
प्रतिशत में
|
11.9%
|
14.8%
|
3.7%
|
भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्राथमिकता
भारत सरकार द्वारा प्रदेष में स्थापित हैण्डपम्प के दृष्टिगत राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल सम्पूर्ति कार्यक्रम के अन्र्तगत पाइप द्वारा प्रत्येक घर में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति किये जाने को प्राथमिकता प्रदान की गई है। दिशा निर्देश के अनुरूप सामान्य रूप से हैण्डपम्प के कार्य अनुमन्य नहीं हैं। गुणवत्ता से प्रभावित ग्रामों में शोधन संयन्त्रो आदि की स्थापना तथा विकल्प के अभाव में गुणवत्ता प्रभावित (आर्सेनिक/फ्लोराइड) ग्रामों में अति गहरे हैण्डपम्प के कार्य किये जा सकते हैं। भरत सरकार द्वारा वर्तामन में संचालित पाइप पेयजल योजनाओ के अन्तर्गत समस्त घरो को नल से जल उपलब्ध कराने हेतु सर्वोच्च प्राथमिकता निर्धारित की गई है। वर्तमान में संचालित 5899 पाइप पेयजल योजनाओ में बेसलाइन सर्वेक्षण का कार्य प्राथमिकता पर करने FHTC से छुटे हुये समस्त परिवारो को FHTC दिये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। ग्रामीण पेयजल सम्पूर्ति योजनाओ के क्रियान्वयन में हेतु निम्नानुसार प्राथमिकता निर्धारित की गई हैः-
- निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओ को पूर्ण किया जाना।
- पेयजल की गुणवत्ता से प्रभावित यथा JE/AES एवं आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में पेयजल व्यवस्था।
- सांसद आदर्श ग्राम योजना के अन्र्तगत चयनित ग्रामों में पेयजल व्यवस्था।
योजनाओ का क्रियान्वयन
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल योजना के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान में निम्नलिखित कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैः-
1- जल जीवन मिशन (पूर्व में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल सम्पूर्ति कार्यक्रम)
वर्ष 2017-18 के प्रारम्भ में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अर्न्तगत कुल 1585 पाइप पेयजल परियोजनायें निर्माणाधीन रहीं तथा वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के मध्य 104 नई परियोजनायें प्रारम्भ की गई। वर्ष 2017-18 में 436 तथा वर्ष 2018-19 में 512 कुल 948 योजनायें पूर्ण की गई। वर्ष 2019-20 के प्रारम्भ में कुल 741 पाइप पेयजल योजनायें निर्माणाधीन हैं तथा वर्ष में अद्यतन सामान्य एवं गुणवत्ता से प्रभावित क्षेत्रों में 426 नयी परियोजनाओं के कार्य प्रारम्भ किये गये हैं। इस प्रकार जल जीवन मिशन के अर्न्तगत कुल 1167 परियोजनायें निर्माणाधीन है। वर्ष 2019-20 में माह मार्च 2020 तक 341 परियोजनाओं के कार्य पूर्ण किये जा चुके है। दिनाँक 14-03-2020 को स्वीकृत 339 नयी योजनाओ पर निविदा प्रक्रिया प्रचलित है एवं शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। इन परियोजाओ से 2.09 लाख FHTC दिये जाने का प्रस्ताव है।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्राथमिकता के अनुसार पूर्व संचालित पाइप पेयजल योजनाओ पर शतशत प्रतिशत FHTC दिये जाने हेतु दिनांक 14-03-2020 को स्वीकृत 76 ऐसी योजनाओ पर निविदा प्रक्रिया प्रचलित है एवं शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। इन परियोजनाओ से 56226 FHTC दिये जाने का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में अन्य पाइप पेयजल योजनाओ पर आगणन तैयार करने का कार्य प्राथमिकता पर प्रचलित है एवं 1102 परियोजनाओ पर 9.59 लाख FHTC दिये जाने हेतु रु॰ 949 करोड़ के आगणन तैयार किये जा चुके हैं।
वर्श 2020-21 जल जीवन मिशन के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित परिव्यय तथा उसके सापेक्ष आवश्यक राज्याँश का विवरण निम्नवत है -
(रू॰ करोड़ में)
क्र0 सं0
|
विवरण (मद)
|
केन्द्र द्वारा निर्धारित परिव्यय के सापेक्ष राज्याँश सहित
|
केन्द्राँश
|
राज्याँश
|
योग
|
1
|
सहायक गतिविधियाँ
|
122.46
|
81.64
|
204.10
|
2
|
पेयजल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी (WQMS)
|
48.98
|
32.65
|
81.63
|
3
|
पाइप पेयजल योजना के कार्य
|
2277.89
|
2277.89
|
4555.78
|
|
योग जल जीवन मिशन
|
2449.33
|
2392.18
|
4841.51
|
वर्ष 2020-21 के प्रारम्भ में जल जीवन के अन्तर्गत कुल अवशेष रु॰ 1058.63 करोड़ की धनराषि उपलब्ध है। माह मई, 2020 तक उक्त के सापेक्ष रु॰ 51.80 करोड़ व्यय किये जा चके हैं। </p >
गुणवत्ता से प्रभावित ग्रामों में पेयजल व्यवस्था
गुणवत्ता से प्रभावित ग्रामों में पेयजल व्यवस्था प्रदेश में 20 जनपद JE/AES की समस्या से प्रभावित है। स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा वर्ष 2011-12 में इन जनपदो में 3089 ग्राम संवेदनशील के रुप में चिन्हित किये गये थे। इसी प्रकार प्रदेश रसायनिक अशुद्वितयों से प्रभावित स्रोतो वाली बस्तियों में पेयजल परीक्षण कर चिन्हीकरण किया गया था। वर्ष 2007-2009 में किये गये सर्वेक्षण में प्रदेश में 9344 बस्तियों को चिन्हित किया गया था। रसायनिक अशुद्वि में आर्सेनिक एवं फ्लोराइड से प्रभावित ग्रामों को प्राथमिकता है। प्रदेश में 1444 आर्सेनिक से एवं 2386 फ्लोराइड से प्रभावित बस्तियां चिन्हित है। रसायनिक गुणवत्ता से प्रभावित ग्रामों/बस्तियों में से अधिकांश बस्तियों को पाइप/ शोधन संयन्त्रो की स्थापना कर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है। माह मार्च 2020 तक अपडेट स्थिति के अनुसार आच्छादन हेतु अवशेष बस्तियों का विवरण्र निम्नानुसार है
पैरामीटर
|
Arsenic
|
Fluoride
|
Iron
|
Nitrate
|
Salinity
|
TOTAL
|
01-4-2020 के अनुसार अवशेष बस्तियां
|
164
|
72
|
283
|
10
|
79
|
608
|
भारत सरकार के निर्देशानुसार उक्त में से आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों को माह दिसम्बर, 2020 तक आच्छादित किये जाने का प्रस्ताव है।
2. नीर निर्मल परियोजना (विश्व बैंक सहायतित)-14 जनपदों में
नीर निर्मल परियोजना का चयन कम आय वाले चार राज्यों नामतः असम, बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में पेयजल एंव स्वच्छता सेवाओ में सुधार हेतु भारत सरकार द्वारा किया गया था। उत्तर प्रदेश राज्य में परियोजना का क्रियान्वयन दो चरणों में किया जा रहा है, जिसका विवरण निम्नानुसार है-
बैच-1 में 09 जनपदों यथा इलाहाबाद, बहराइच, गोण्डा, बलिया, गाजीपुर, देवरिया, बस्ती, कुशीनगर एवं गोरखपुर की 246 ग्राम पंचायतो को पाइप पेयजल योजनाओं के द्वारा शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु चयनित किया गया है। जिसमें कुल 231 पाइप पेयजल योजनाएं है, उक्त में 218 एकल ग्राम पाइप पेयजल योजनाएं तथा 13 लघु बहु ग्राम पाइप पेयजल योजनाएं है। योजनाओं की कुल निर्माण लागत रू0 418.69 करोड़ है जिसके सापेक्ष रू0 391.19 करोड की धनराशि व्यय की जा चुकी है। 231 योजनाएं कमीशन्ड हो चुकी हैं। 151 योजनाओं को ग्राम पंचायत को हस्तांतरित किया जा चुका है।
बैच-2 में 11 जनपदों यथा इलाहाबाद, बहराइच, गोण्डा, बलिया, गाजीपुर, कुशीनगर, सोनभद्र, फतेहपुर, वाराणसी, सिद्धार्थनगर एवं संत कबीर नगर की 547 ग्राम पंचायतो को पाइप पेयजल योजना के द्वारा शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु चयनित किया गया है। जिसमें कुल 355 पाइप पेयजल योजनाएं है, उक्त में 251 एकल ग्राम पाइप पेयजल योजनाएं तथा 104 बहु ग्राम पाइप पेयजल योजनाएं है। योजनाओं की कुल निर्माण लागत रू0 1030.32 करोड़ है जिसके सापेक्ष रू0 634.64 करोड की धनराशि व्यय की जा चुकी है एवं 82 योजनाएं कमीशन्ड हो चुकी हैं।
भारत सरकार के निर्देशानुसार वर्ष 2020-21 से उक्त योजना को संचालन समाप्त किया जा चुका है तथा अवशेष कार्यो हेतु वित्त पोषण जल जीवन मिशन के अन्तर्गत किया जाना है। गत वर्ष के अन्त में जल निगम के पास उक्त योजना के अन्तर्गत रु॰ 117.08 करोड़ की धनराशि अवशेष रही। अवशेष धनराशि रू॰ 117.08 करोड़ व्यय की जा चुकी है।
2. राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा अपने वित्तीय संसाधनो से 2016-17 में ‘‘राज्य ग्रामीण पेयजल योजना‘‘ आरम्भ की गयी है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्ष 2019-20 के प्रारम्भ तक 172 परियोजनायें पाइप पेयजल योजनाए /टी0टी0एस0पी0 का क्रियान्वित थी, जिसमें से वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में 23 परियोजनाओें को पूर्ण किया गया है। वर्ष 2019-20 में स्वीकृत नई पाइप पेयजल परियोजनाओं को सम्मिलित करते हुए कुल 166 परियोजनायें निर्माणाधीन हैं। जनपद आगरा, गोण्डा, उन्नाव एवं मैनपुरी में पेयजल सम्बन्धी कार्यो हेतु मा॰ मुख्यमन्त्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के सापेक्ष भी कार्य कराये जा रहे है। निर्माणाधीन परियोजनाओं में से माह मार्च, 2020 तक 46 परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी है।
वर्ष 2020-21 में उक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत कोई बजट प्राविधान स्वीकृत नहीं है। गत वर्ष तक प्राप्त धनराशि के सापेक्ष रु॰ 88.46 करोड़ की धनराशि उपलब्ध है जिसके सापेक्ष माह मई, 2020 तक रु॰ 3.71 करोड़ की धनराशि व्यय की गई हैं।
बुन्देलखण्ड पैकेज एवं बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट प्रोग्राम
प्रदेश स्तर पर इन योजनाओ का क्रियान्वयन नियोजन विभाग द्वारा किया रहा है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश में क्षेत्र विशेष हेतु विकास कार्यो के पोषण हेतु अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में धनराशि स्वीकृत की जाती है।
बुन्देलखण्ड विशेष पैकेज
प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 7 जनपदो में उक्त योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। प्रथम चरण के अन्तर्गत प्राप्त पूर्ण धनराशि रू॰ 91.63 करोड़ का उपभोग किया जा चुका है। प्रथम चरण के अन्र्तगत 2725 हैण्डपम्प एवं 12 पाइप पेयजल योजनाओ के समस्त कार्य पूर्ण है। बुन्देलखण्ड पैकेज के द्वितीय चरण के अन्तर्गत 51 पाइप पेयजल परियेाजनायें स्वीकृत गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के अन्त तक 44 योजनाओं के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। इस प्रकार वर्ष 2019-20 में कुल 7 परियोजनायें कार्यान्वित की जा रही है। माह मार्च, 2020 तक 2 परियोजनाओं को पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2019-20 में गत वर्ष के अवशेष सहित कुल रु॰ 64.65 करोड़ की धनराशि उपलब्ध है जिसके सापेक्ष माह मार्च, 2020 तक रु॰ 16.65 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है। वर्ष 2020-21 में माह मई 2020 तक रु॰ 1.38 करोड़ व्यय किये गये हैं।
बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट प्रोग्राम
बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से निर्धारित दूरी के भीतर के क्षेत्रों में कार्य कराये जाते है। योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 8 जनपदो पीलीभत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महाराजगंज एवं सिद्वार्थनगर में उक्त योजना के अन्तर्गत कार्य निश्पादित किये जाते हैं। उक्त योजना के अन्तर्गत हैण्डपम्प के अतिरिक्त वर्श 2017-18 से अद्यतन 13 पेयजल परियोजनायें स्वीकृत हैं। इनमें 8 परियोजनाओ के कार्य पूर्ण किये जा चुके है। 5 परियोजनायें वर्तमान वर्ष में निर्माणाधीन हैं। वर्ष 2019-20 में गत वर्ष के अवशेष सहित कुल उपलब्ध रु॰ 8.63 करोड़ के सापेक्ष माह मार्च, 2020 तक रु॰ 6.61 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है।
3. प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम
भारत सरकार के निर्देशानुसार अल्पसंख्यक वर्गों के कल्याण हेतु उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों में विभिन्न कल्याणकारी योजनायें संचालित की जाती है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्ष 2017-18 तक रु॰ 659.90 करोड़ की लागत की 257 परियाजनायें स्वीकृत की गई है। इनमें से 7 परियोजनाओ पर भूमि अनुपलब्धता अथवा ग्रामों के अन्य कार्यक्रम की पाइप पेयजल योजना में सम्मिलित होने के कारण समर्पित की गई है। मार्च, 2019 तक कुल 61 परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं। वर्ष 2019-20 में कुल 189 परियोजनायें कार्यान्वित की जा रही हैं, निर्माणाधीन परियोजनाओं में से माह मार्च 2020 तक 06 परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी है तथा 55 परियोजनाओं पर 75 प्रतिशत से अधिक की प्रगति अर्जित की जा चुकी हैं। गत वर्ष के अवशेष सहित रू॰ 95.58 करोड़ की उपलब्धता के सापेक्ष माह मार्च, 2020 तक रु॰ 66.21 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है। वर्तमान में उक्त योजना के अन्तर्गत गत वर्ष के अवशेष के सापेक्ष माह मई, 2020 तक रु॰ 3.06 करोड़ व्यय किये गये हैं।
4. ग्रामीण क्षेत्र में स्थित पाइप पेयजल योजनाओं का संचालन एवं अनुरक्षण
वर्ष 1975 में जल सम्भरण तथा सीवर-व्यवस्था सम्बन्धी सेवाओं के विकास तथा विनियमन और उससे सम्बद्ध विषयों की व्यवस्था करने के लिये उत्तर प्रदेश जल सम्भरण तथा सीवर व्यवस्था अधिनियम, 1975 बनाया गया। अधिनियम के अन्र्तगत प्रदेश में तत्समय राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश जल निगम तथा क्षेत्रीय स्तर पर योजनाओं के संचालन आदि हेतु जल संस्थान झांसी एवं गढ़वाल/कुमायॅू (वर्तमान में उत्तराखण्ड प्रान्त में) का गठन किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार की अधिसूचना संख्या 3426/9-2(3)-79 दिनांक 01 अगस्त 1979 एवं 2894/9-2-87-57 (93)-87 दिनांक 16 मार्च, 1988 द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र को छोड़कर प्रदेश के समस्त जनपदों में ग्रामीण पेयजल योजनाओ के सन्दर्भ में जल संस्थान के अधिकार व दायित्व उत्तर प्रदेश जल निगम मे निहित किये गये। पंचायती राज संस्थाओ के अधिकार सम्पन्न बनाये जाने के उपरान्त से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित पाइप पेयजल योजनाओ के संचालन व अनुरक्षण का कार्य उत्तर प्रदेश जल निगम, झांसी/चित्रकूट जल संस्थान एवं ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है। संस्थावार संचालित योजनाओं एवं उनकी कार्यशीलता का विवरण निम्नवत् है:-
विवरण
|
जल निगम
|
ग्राम पंचायत
|
जल संस्थान
|
कुल योग
|
MVS
|
SVS
|
योग
|
परियोजनाओं की स्थिति
|
1260
|
1138
|
2398
|
3349
|
152
|
5899
|
पूर्ण/आंशिक रूप से संचालित
|
1197
|
1055
|
2252
|
2893
|
152
|
3452
|
बन्द योजनायें
|
63
|
83
|
146
|
456
|
0
|
627
|
उपरोक्त में ए0ई0एस0/जे0ई0 प्रभावित ग्रामों के आच्छादन हेतु वर्ष 2017-18 में 83 एवं वर्ष 2018-19 में 155 कुल 238 पाइप पेयजल परियोजनाओ को पूर्ण किया गया है। वर्ष 2019-20 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत कुल 245 परियोजनायें निर्माणाधीन के सापेक्ष माह मार्च 2020 तक 47 परियोजनायें पूर्ण की गई।
भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय पेयजल गुणवत्ता सबमिशन के अन्र्तगत आर्सेनिक/फ्लोराइड से प्रभावित 462 बस्तियों को सम्मिलित कर वित्त पोषण अलग से प्रदान किया जा रहा है। सामान्य कार्यक्रम एवं सबमिशन के अन्तर्गत आर्सेनिक/फ्लोराइड से प्रभावित ग्रामों में स्वच्छ पेयजल हेतु संचालित परियोजनाओ में से वर्ष 2017-18 में 103 तथा वर्ष 2018-19 में 61 परियोजनाओं पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2019-20 में निर्माणाधीन 138 परियोजनायें के सापेक्ष माह मार्च 2020 तक 23 परियोजना के कार्य पूर्ण किये जा चुके है। इसके अतिरिक्त आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में 506 सयन्त्रों के के लक्ष्य के सापेक्ष 506 संयन्त्रों की स्थापना के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं।
5. माननीय विधायकों द्वारा चयनित स्थल पर हैण्डपम्प की स्थापना
प्रदेश सरकार द्वारा त्वरित आर्थिक विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में प्रत्येक मा॰ सदस्य विधान परिषद एवं विधान सभा सदस्य द्वारा चयनित स्थल पर 100-100 हैण्डपम्प स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रदेश 66 जनपदो मे हैण्पम्प स्थापना के कार्य जल निगम द्वारा तथा 9 जनपदों में उत्तर प्रदेश एग्रो द्वारा किये जा रहे है।
वर्ष 2017-18
क्र0 सं0
|
संस्था का नाम
|
सूची अनुमोदित
|
स्थापित
|
1
|
उत्तर प्रदेश जल निगम
|
40863
|
40673
|
2
|
उत्तर प्रदेश एग्रो
|
7613
|
7255
|
|
योग (हैण्डपम्प की संख्या)
|
48476
|
47928
|
वर्ष 2018-19
क्र0 सं0
|
संस्था का नाम
|
सूची अनुमोदित
|
स्थापित
|
1
|
उत्तर प्रदेश जल निगम
|
37378
|
34587
|
2
|
उत्तर प्रदेश एग्रो
|
5678
|
4874
|
|
योग (हैण्डपम्प की संख्या)
|
43056
|
39461
|
पाइप पेयजल योजना- भौतिक प्रगति
क्र0 सं0
|
कार्यक्र0 सं0
|
पूर्व से निर्माणाधीन
|
नई प्रारम्भ 2017-19
|
पूर्ण की गई
|
वर्ष 2019- 20
|
2017&18
|
2018&19
|
अवशेष
|
नई प्रारम्भ
|
पूर्ण 03/2020
|
1
|
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल
|
1585
|
104
|
436
|
512
|
741
|
|
341
|
2
|
विश्व बैंक पोषित नीर निर्मल
|
233
|
379
|
161
|
60
|
391
|
0
|
91
|
3
|
राज्य पेयजल कार्यक्रम
|
160
|
12
|
1
|
22
|
149
|
|
46
|
4
|
प्रधानमन्त्री जनविकास कार्यक्रम
|
132
|
120
|
38
|
23
|
191
|
0
|
6
|
5
|
बार्डर एरिआ डेवलपमेन्ट
|
11
|
2
|
2
|
6
|
5
|
0
|
0
|
6
|
बुन्देलखण्ड पैकेज
|
26
|
2
|
21
|
0
|
7
|
0
|
2
|
|
|
2147
|
619
|
659
|
623
|
1484
|
|
486
|
वित्तीय प्रगति
क्र0 सं0
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कार्यक्रम
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व्यय वर्षवार
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बजट 2019-20
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अद्यतन व्यय
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2017-18
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2018-19
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1
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राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना
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1102.73
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1180.26
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1500.00
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2
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नीर निर्मल परियोजना (विश्व बैंक पोषित)
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167.25
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278.53
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1440.00
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3
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बुन्देलखण्ड, विन्ध्य एवं गुणता प्रभावित ग्रामों की पाइप पेयजल योजना
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0.00
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30.00
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3000.00
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4
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राज्य ग्रामीण पेयजल योजना
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89.28
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95.64
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120.00
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5
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प्रधानमंत्री जन विकास योजना
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50.23
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131.74
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50.00
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6
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बुन्देलखण्ड पैकेज/बार्डर एरिया
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20.43
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32.03
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25.00
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योग
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1429.92
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1726.08
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6135.00
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389.00
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